
आयुर्वेद से माइग्रेन से छुटकारा
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आयुर्वेद की शरण में माइग्रेन के भयंकर दर्द से छुटकारा मिल सकता है
Dr. S. M. भट्ट PhD BHU व्हाट्सप्प 8556092620
Ayurvedic consultant Mayank Medicals Ganga Nagar meerut 🙏AUR PADHEN
भारत की कुल आबादी का लगभग 15% भाग तीव्र माइग्रेन से ग्रस्त है। आमतौर पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं माइग्रेन से ज्यादा ग्रस्त होती हैं। एनएसएआईडीएस और दर्दनाशक दवाओं के जरिए माइग्रेन के दर्द को कम करना अल्पकालिक उपाय है और दवाइयों पर निर्भरता शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को भी खराब करती हैं।
आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार, माइग्रेन एक त्रिदोष विकार है, तीन दोषों में - कफ ,वात और पित्त दोष प्रमुख कारक हैं।
कफ दोष के कारण
· त्वचा में सूखापन
· कब्ज
· बहुत तीव्र दर्द
पित्त दोष के कारण
· थकान
· डिप्रेशन
· सुस्ती के साथ सिरदर्द
वात दोष के कारण
· आंखों में लालिमा और जलन
· प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशीलता
· चिड़चिड़ापन
· नाक से खून बहना
आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन के अन्य कारण
· तेल, मसालेदार या नमकीन भोजन का अत्याधिक सेवन
· लंबी अवधि के लिए सूर्य के प्रकाश में एक्सपोजर
· प्राकृतिक इच्छाओ को दबाना
· अधिक तनाव
· अपचता
· शराब या धूम्रपान का अधिक सेवन
· शारीरिक या मानसिक तनाव
· चाय या कॉफी का अधिक सेवन
· उपवास रखना
हार्मोनल परिवर्तन खासकर पीरियड्स की अवधि के दौरान या गर्भनिरोधक गोलियों के अत्याधिक उपयोग के कारण
नींद का अभाव
माइग्रेन से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Migraine)
माइग्रेन न हो या बार-बार होने से बचने के लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर होने के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है-
-तापमान में बदलाव से हमेशा बचे जैसे अगर आप गर्मी में एयरकंडिशनर का इस्तेमाल करते हैं तो एक दम ठण्डे से गर्म में न निकले और तेज गर्मी से आकर बहुत ज्यादा ठण्डा पानी न पिये।
-अगर आप गर्मी के मौसम में तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से बचे और सनग्लासेस या छाते का इस्तेमाल करे।
-गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक ट्रेवल करने से बचे।
-रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी जरूर पिये वरना आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है क्योंकि डिहाइड्रेशन माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है इसलिए अधिक से अधिक पानी पिये।
-उमस वाले मौसम में ऐसी चीजें खाने से बचे जिसमें ज्यादा पसीना निकलता है जैसे-चाय, कॉफी आदि।
-ज्यादा मिर्ची न खाए, ब्लड प्रेशर मेंटेन रखे और गर्भनिरोधक गोलियां न खाए अगर गर्भनिरोधक गोलियां लेना ही है तो कम डोज में ले।
-रोजाना सुबह टहलने जाये, नंगे पांव घास पर चले क्योंकि इससे तनाव कम होता है और अगर तनाव कम रहेगा तो हार्मोंस भी बैलेंस में रहेगा जिससे माइग्रेन भी कम हो जाता है।
-रोजाना 30 मिनट तक योगासन या प्राणायाम जरूर करें इससे आपको काफी फायदा मिलेगा, रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन करना भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है।
-माइग्रेन के मरीजों को खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना चाहिए।
-फल और हरी सब्जियां खूब खाएं।
-कम मात्रा में नमक लें। दिन भर में आधा छोटा चम्मच नमक काफी है क्योंकि ज्यादातर फूड आइटम्स में खुद ही नमक होता है।
-चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक आदि लेने से बचें। इन्हें लेने से माइग्रेन बढ़ सकता है।
-एल्कोहल और चॉकलेट के सेवन से भी बचें। इनसे भी सिरदर्द होता है।
-बेहद तेल-मसाले वाला खाना और उपवास भी माइग्रेन की परेशानी बढ़ाते हैं इसलिए इससे बचें।
-व्यायाम नींद को अच्छा करता है और माइग्रेन के सिरदर्द की आवृत्ति और तीव्रता को कम करता है, माइग्रेन पीड़ितों के लिए अन्दर रहकर साइकिल चलाना लाभकारी होता है। कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम स्थिर और ‘अटके’ होने के एहसास, जो माइग्रेन पीड़ितों को आक्रमण के पहले होता है, को भंग करने हेतु उत्तम तरीका है।
–योग में बालासन, उत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, हलासन करना फायदेमंद होता है।
–अपनी पसंद का मधुर और कोमल संगीत चुनें, और बैठकर सुनें। साथ ही हर बार सांस निकलते समय स्वयं के शरीर को शांत करें।
-गहरी श्वासयुक्त ध्यान शरीर में अधिक ऑक्सीजन लाकर माइग्रेन को दूर करने में सहायक होता है।
माइग्रेन का आयुर्वेदिक उपचार शिरोलेप
सिरदर्द का इलाज करने में इसे अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। यह एक विशेष तकनीक है जिसमें कुछ जड़ी-बूटियों जैसे चन्दन, कपूर आदि ठंडक प्रदान करने वाली चीजों का का पेस्ट बनाकर मरीजों के सिर पर लगाया जाता हैं।
शिरोधरा
यह एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक चिकित्सा है जो तंत्रिका तंत्र पर गहरा प्रभाव डालती है। इसमें तरल अधिकतर, गर्म तेल की एक पतली धार को माथे पर एक सतत धारा में डाला जाता है। इस क्षेत्र में तंत्रिकाएं अत्यधिक केंद्रित होती हैं।
कवल ग्रह
आयुर्वेद में कवल ग्रह या तेल लगाने की विधि अत्यधिक फायदेमंद है। इसका एक बहुत ही शक्तिशाली डिटोक्सिफ्यिंग प्रभाव है और इसका स्वास्थ्य लाभ दांतों से लेकर माइग्रेन के सिरदर्द तक से राहत दिलाता है।
शिरोबस्ती
ये एक अन्य प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा है जिसमे हमारे सिर के बाहरी क्षेत्र में एक चमड़े की टोपी पहनाई जाती है। टोपी के अंदर एक छेद का स्थान होता है ताकि औषधीय तेल (वात और पित्त दोषों को शांत करने के लिए ) एक निश्चित अवधि के लिए उस टोपी के छेद में ठहर सके।
स्नेहा न्यास
यह उपचार नाक के माध्यम से किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के तेल को नाक में डाल दिया जाता है जैसे आप नाक में तेल की
पिपरमिंट माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Peppermint to Get Relief from Migraine in Hindi)
पिपरमिंट में सूजन को कम करने के गुण होते हैं। साथ ही, यह मन को शांत और स्थिरता करने में मदद करता है। आप पिपरमिंट चाय पी सकते हैं या फिर पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे एक चम्मच शहद के साथ आधे गिलास पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। पिपरमिंट ऑयल से सिर और माथे पर 20-25 मिनट मालिश करने से भी फायदा होता है।
सेब का सिरका माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Apple Cider Vinegar to Get Relief from Migraine in Hindi)
एप्पल सिडार विनेगार यानी सेब का सिरका माइग्रेन में राहत दिलाता है। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद डालकर पिएं। करीब 30 दिन लगातार पीने से राहत मिलेगी। जब माइग्रेन हो या महसूस हो कि होने वाला है तो 2-3 चम्मच लें। यह शरीर को साफ करने, शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल, वजन कम करने के अलावा हड्डियों और जोड़ों के दर्द में भी राहत दिलाता है। सेब का सिरका नहीं है तो आप सेब भी खा सकते हैं। ग्रीन एप्पल को सूंघना भी फायदेमंद हो सकता है।
लैवेंडर का तेल माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Lavender Oil to Get Relief from Migraine in Hindi)
यह सामान्य सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द दोनों के लिए एक घरेलू उपचार है। लोगों का मानना है कि इसकी खुशबु माइग्रेन के लिए काफी प्रभावशाली होती है। गर्म पानी में लैवेंडर तेल की कुछ बूंद डालकर सूंघने से बेहद आराम मिलता है।
तुलसी का तेल माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Lavender Oil to Get Relief from Migraine in Hindi)
सभी तुलसी के प्राकृतिक गुणों से परिचित है लेकिन हम आपको बता देते हैं कि तुलसी का तेल माइग्रेन के दर्द में भी काफी प्रभावशाली होता है। तुलसी के तेल का इस्तेमाल करने से माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है। तुलसी का तेल मांसपेशियों को आराम देता है जिससे तनाव कम होता है और दर्द से राहत मिलती है।
दैनिक आहार में बदलाव माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Chages in Daily Diet to Get Relief from Migraine in Hindi)
सिर के दर्द को कम करने और माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए आपको अपने दैनिक आहार में कुछ परिवर्तन करने होंगे। माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को साधारण मक्खन की जगह पीनट बटन यानि मूंगफली से बने मक्खन का इस्तेमाल करना चाहिए साथ ही एवोकाडो, केला और खट्टे फल आदि का इस्तेमाल करना भी लाभकारी होता है।
सिर की मालिश माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Head Massage to Get Relief from Migraine in Hindi)
कहते हैं कि तनाव को दूर करने के लिए सिर की मालिश बहुत कारगर उपाय है माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए सिर के पीछे के हिस्से की मालिश करने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है इसके साथ ही हाथ पैरों की मालिश भी करनी चाहिए। इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है।
अदरक माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ginger to Get Relief from Migraine in Hindi)
अदरक माइग्रेन के दौरान जी मचलाने या उल्टी होने जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा इससे सूजन और दर्द भी कम होता है, अदरक को छीलकर टुकड़े करके पानी में उबालकर ठण्डा कर लें और इस पानी में शहद और नींबू की कुछ बूंद डालकर पीने से काफी लाभ मिलता है।
कॉफी माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Coffee to Get Relief from Migraine in Hindi)
कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें माइग्रेन के तेज दर्द में कॉफी पीने से तुरन्त राहत मिलती है, कॉफी में मौजूद कैफीन माइग्रेन में एडेनोसाइन के प्रभाव को कम कर देता है हालांकि ज्यादा कैफीनयुक्त पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होते हैं लेकिन एक कप कॉफी आपके स्वास्थ को लाभ पहुंचाती है।
धनिया माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Coriander to Get Relief from Migraine in Hindi)
आज लगभग हर घर में धनिया इस्तेमाल किया जाता है जो खाने में स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ खाने को पचाने में भी मदद करता है। यह स्वादिष्ट खाना बनाने वाले मसालों में बेहतरीन माना जाता है साथ ही धनिये का उपयोग प्राचीन काल से ही सिरदर्द और माइग्रेन की दवा के रूप में किया जाता है। धनिये के बीजों से तैयार चाय माइग्रेन में काफी लाभकारी होती है।
आयुर्वेद के मुताबिक माइग्रेन में ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यस्तिमधु जैसी जड़ी-बूटियों का सेवन भी अच्छा होता है।